3 random sher's courtesy of a friend. All on one topic - tear. No context just lovely shers.
रुसवा करेगी ये नमी जो चश्मे-तर में है,
पी जाओ अशक़ बात अभी घर की घर में है
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पलकों की हद तोड़ कर दामन पे आ गिरा,
एक अश्क मेरे ज़ब्त की तौहीन कर गया
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आँख कमबख्त से उस बज़्म में आंसू न रुका
एक कतरे ने डुबोया मुझे दरिया होकर
2 comments:
wah wah sir ji kya baat hai ...
Bikram's
Thank you, Bikram ji. Glad you liked them. :)
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