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Friday, April 20, 2012

3 Random shers - Tear


3 random sher's courtesy of a friend. All on one topic - tear. No context just lovely shers.

रुसवा करेगी ये नमी जो चश्मे-तर में है, 
पी जाओ अशक़ बात अभी घर की घर में है 

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पलकों की हद तोड़ कर दामन पे आ गिरा, 
एक अश्क मेरे ज़ब्त की तौहीन कर गया 

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आँख कमबख्त से उस बज़्म में आंसू न रुका 
एक कतरे ने डुबोया मुझे दरिया होकर 


2 comments:

Bikram said...

wah wah sir ji kya baat hai ...

Bikram's

Sunil Goswami said...

Thank you, Bikram ji. Glad you liked them. :)